चयन से बाहर होने का दर्द! इंग्लैंड सीरीज़ से पहले भारतीय दिग्गज ने कहा क्रिकेट को अलविदा

भारतीय क्रिकेट से जुड़ी एक भावनात्मक खबर ने आज हर फैन के दिल को छू लिया। सालों तक टीम इंडिया की जर्सी पहनकर मैदान में अपना सबकुछ झोंक देने वाले एक अनुभवी खिलाड़ी ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। ये वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कई बार अकेले दम पर मैच का पासा पलट दिया, और आज जब उन्हें एक आखिरी मौका मिल सकता था — वो मौका उनसे छिन गया।

“हर बार नजरअंदाज किया गया, अब थक चुका हूं”

इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम इंडिया की घोषणा हुई, लेकिन इसमें इस दिग्गज का नाम नहीं था। यह पहला मौका नहीं था, मगर शायद आखिरी उम्मीद जरूर थी। वर्षों से संघर्ष कर रहे इस खिलाड़ी ने कई बार घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन करके वापसी का रास्ता तलाशा, लेकिन हर बार चयनकर्ताओं ने उन्हें दरकिनार कर दिया।

और अब, एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए उन्होंने अपने संन्यास का ऐलान कर दिया:
“मैंने कभी शिकायत नहीं की। हर बार खुद को साबित करने के लिए मेहनत की। लेकिन अब लगता है कि मेरी कहानी यहीं तक थी। मैंने भारत के लिए जो कुछ भी किया, उस पर मुझे गर्व है।”

सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक जज़्बा था

ये खिलाड़ी सिर्फ आंकड़ों में नहीं, फैंस के दिलों में बसता है। जब टीम दबाव में होती थी, तब उसकी एक झलक मैदान पर बाकी खिलाड़ियों को हौसला देती थी। उसका बल्ला या गेंद नहीं, उसका आत्मविश्वास खेल को बदल देता था।

कई बार उसे ‘साइलेंट वॉरियर’ कहा गया — न शोर, न चर्चा, सिर्फ प्रदर्शन।

फैंस की आंखें नम, साथी खिलाड़ी भावुक

संन्यास की खबर आते ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फैंस ने अपने चहेते खिलाड़ी को सलाम किया। कुछ ने पुराने मैचों की वीडियो क्लिप शेयर कीं, तो कुछ ने सीधा लिखा — “सर, आपने हमारे बचपन को खूबसूरत बनाया। शुक्रिया!”

वहीं टीम के कई पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों ने भी इस फैसले पर अफसोस जताया। किसी ने कहा, “वो और एक सीरीज़ डिज़र्व करता था”, तो किसी ने लिखा, “क्रिकेट ने आज एक सच्चे योद्धा को खो दिया।”

आगे क्या?

संन्यास के बाद ये खिलाड़ी क्या करेगा, इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि वो कोचिंग, कमेंट्री या क्रिकेट प्रशासन जैसे रोल में फिर मैदान पर लौटेगा। उसके अनुभव की ज़रूरत इस देश के युवा खिलाड़ियों को हमेशा रहेगी।


अलविदा नहीं, शुक्रिया

संन्यास एक अंत ज़रूर होता है, लेकिन साथ ही एक नई शुरुआत भी। और इस दिग्गज की क्रिकेट यात्रा चाहे खत्म हो गई हो, लेकिन उसकी यादें, उसके जज़्बे और उसके योगदान को कोई भुला नहीं सकता।

शुक्रिया, दिग्गज खिलाड़ी। आपने सिर्फ क्रिकेट नहीं खेला — आपने करोड़ों भारतीयों के दिल जीते।

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