न्यूयॉर्क में होने वाला है कुछ खास – 3 दिन के लिए जगमगाएगा नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर!

cultural center newyork

न्यूयॉर्क:
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत अब न्यूयॉर्क जैसे तेज़ रफ्तार शहर में अपनी सादगी और भव्यता के संगम के साथ दस्तक देने जा रही है। नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) पहली बार अमेरिका की धरती पर तीन दिनों का ऐसा आयोजन करने जा रहा है, जो भारतीय कला, परंपरा और आत्मा को दुनिया के सामने नए अंदाज़ में पेश करेगा।

जब भारत की कला न्यूयॉर्क से बोलेगी

मुंबई में अपनी शुरुआत से ही NMACC ने यह साबित किया था कि भारतीय संस्कृति केवल संग्रहालयों में सजी हुई कोई विरासत नहीं, बल्कि जीवंत धड़कन है — जो हर रंग, हर रचना और हर राग में सांस लेती है। अब यही कल्चरल सेंटर न्यूयॉर्क के दिल में उतरने जा रहा है।

तीन दिन, और उन तीन दिनों में:

  • पारंपरिक भारतीय शिल्प और डिज़ाइन की झलक
  • शास्त्रीय नृत्य से लेकर मॉडर्न परफॉर्मेंस तक का संगम
  • थिएटर शो जिनमें कहानियां जीवंत होंगी
  • फैशन वॉक्स जो भारत की बुनाई और डिज़ाइन का जादू बिखेरेंगे
  • रचनात्मक वर्कशॉप्स और संवाद, जो दर्शकों को कलाकारों से जोड़ेंगे

नीता अंबानी का सपना — “भारत को दुनिया से जोड़ना, दिल से”

नीता अंबानी ने इस सेंटर की नींव किसी कारोबारी सोच से नहीं, बल्कि अपने दिल के कोने से रखी है। उनके लिए यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक सपना है — भारत की कहानी को दुनिया तक पहुँचाने का सपना।

उनका मानना है:
“हमारी संस्कृति देखने भर की चीज़ नहीं है, यह महसूस करने वाली विरासत है। जब हम इसे साझा करते हैं, तो हम दुनिया से दिल जोड़ते हैं।”

क्यों है यह इवेंट खास?

  • पहली बार NMACC भारत से बाहर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रहा है
  • लोक कला से लेकर लक्ज़री डिज़ाइन तक, सबको मिलेगा मंच
  • बॉलीवुड और शास्त्रीय कला, दोनों का समावेश देखने को मिलेगा
  • यह भारत की सांस्कृतिक ‘सॉफ्ट पावर’ का अनोखा उदाहरण होगा

कौन होंगे शामिल?

माना जा रहा है कि इस आयोजन में भारत के कई जाने-माने कलाकार हिस्सा लेंगे। साथ ही अमेरिका और यूरोप के मशहूर आर्ट क्यूरेटर, डिज़ाइनर और हॉलीवुड की कुछ हस्तियां भी इसमें शामिल हो सकती हैं। यह सिर्फ देखने का नहीं, भारत को गहराई से महसूस करने का मौका होगा।

भारत की झलक, न्यूयॉर्क की धरती पर

इस आयोजन से यह साफ है कि भारत अब केवल टेक्नोलॉजी और आर्थिक मोर्चों पर ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और रचनात्मक दृष्टि से भी वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। और NMACC इसका चमकता हुआ उदाहरण है।

निष्कर्ष

जब न्यूयॉर्क जैसे शहर में भारतीय कला की आत्मा बहेगी, तो यह आयोजन केवल एक शो नहीं रहेगा — यह एक संवेदनशील संवाद होगा। यह भारत की आत्मा का ऐसा स्पर्श होगा जो सरहदें पार कर सीधे दिलों तक पहुंचेगा।

और जब मंच रोशन होगा, तो हर रचना, हर रंग यही कहेगा —
“यह भारत है… और यह उसकी कहानी है।”

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