भुषण पावर एंड स्टील से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की लिक्विडेशन (यानी कंपनी को खत्म कर देना) की प्रक्रिया पर अभी के लिए रोक लगा दी है। ये फैसला JSW ग्रुप की उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कोर्ट से मामले की दोबारा समीक्षा की गुहार लगाई थी।
कहानी की शुरुआत कहां से हुई?
भुषण पावर काफी वक्त से आर्थिक संकट में फंसी हुई है। दिवालिया प्रक्रिया के तहत NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने कंपनी को खत्म करने का आदेश दे दिया था। लेकिन JSW, जो पहले से ही इस कंपनी को खरीदने की कोशिश कर रहा था, इस फैसले से संतुष्ट नहीं था।
JSW ने कहा कि उन्होंने पहले से अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कुछ तकनीकी वजहों से मामला अटक गया। इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और कहा — “हमें फिर से मौका दीजिए, कंपनी को बचाया जा सकता है।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने JSW की बात को गंभीरता से लिया और फिलहाल लिक्विडेशन पर ब्रेक लगा दिया। कोर्ट का कहना था कि मामला जटिल है और इसमें और विचार करने की ज़रूरत है। जब तक पूरी समीक्षा नहीं होती, तब तक कंपनी को खत्म नहीं किया जाएगा।
JSW के लिए क्यों मायने रखता है ये फैसला?
JSW के लिए ये राहत भरी खबर है। उनका मानना है कि भुषण पावर को बंद करना आखिरी रास्ता नहीं होना चाहिए। अगर उन्हें फिर से मौका मिला, तो कंपनी को दोबारा पटरी पर लाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की इस रोक से उन्हें अपनी बात रखने और शायद कंपनी को बचाने का एक और मौका मिला है।